
लॅाकडॉउन में कमाई की कहानी / लॅाकडॉउन में पैसे कमाई का तरीका
यह कहानी कोविड -१९ के कारन २०२० में हुए लॅाकडॉउन की कहानी है। एक औरत जिसका नाम सरला था जो अपनी बहु स्वेता और बेटा राजेश के साथ दिल्ली में रहती थी जिनकी एक जूते की दुकान थी ,लॅाकडॉउन की वजह से उनकी जूते की दुकान नहीं चल रही थी। राजेश अपनी माँ से बोला माँ तुम्हारा तो काम एकदम चौपट हो गया है अब क्या होगा इस बात पर माँ हसकर बोली तू फ़िक्र मत कर बेटा कुछ न कुछ तो हल निकल ही आएगा , तभी वह पर उसकी बहु स्वेता वह पर फ़ोन ले कर आती है और बोलती है सुनिए आपलोगो ने यह न्यूज़ देखी क्या , माँ बोली कैसी न्यूज़ तो स्वेता बोली हमारे आस पास कोरोना से बचने के लिए मास्क की कमी हो रही है इस बात पर राजेश बोला अरे यह तो बड़ी दुःख की बात है।…
इस बात को सुनकर सरला को एक तरकीब सूझती है और बोली बेटा क्यों न हम लोग भी मास्क बनाने का काम सुरु किया जाये उन मास्क को बेचकर हमारी पैसो की कमी दूर हो जाएगी और हमें एक नया रोजगार भी मिल जायेगा। इस बात पर राजेश बोला है ये बात तो ठीक है पर मास्क बनेगा कौन , तभी स्वेता बोली की मैं और सासू माँ मिलकर बना लेंगे आप चिंता मत कीजिये। राजेश बोला ठीक है मैं मास्क बनाने का सारा सामान ले आता है और सारा सामान ले आता है। स्वेता इंटनेट से मास्क बनाना सीखती है और दोनों मिलकर मास्क बनती है और उन मास्क को बेचती है राजेश भी हर दुकान पर जाकर होममेड मास्क बेचकर आता है और घर आकर अपनी माँ को बताता है की देखो माँ मैंने आज २००० रुपयो का काम किया हु और यह बात सुनकर सरला बहुत खुस होती है और बोलती है की बेटा अभी हम एक मास्क कितने का बेच रहे है तो राजेश बताता है की माँ ५० रूपये का , तो इस पर सरला कहती है क्यों न हम एक मास्क ७० रूपये का बेचे तभी वह पर स्वेता आ जाती है और बोलती है…..
माँ ७० नहीं १०० रूपये बोलिये , यह बात सुनकर राजेश बोलता है की अरे इतना महंगा मास्क कौन लेगा हमसे तो स्वेता बोलती है की क्यों नहीं लेगा अभी सबको जरुरत है सभी लोग लेंगे। सरला कहती है की क्यों न हम मास्क में लगी डोरी की जगह एलास्टिक लगा दे एकदम अलग दिखेगा ,है सासू माँ और एक काम और हम कर सकते है , वो क्या ,क्यों न हम और मोटा कपडा मास्क में प्रयोग करे तो और अच्छा देखेगा मास्क अगले ही दिन से सरला और स्वेता काम शुरू कर देती है। बने मास्क को राजेश सभी दुकानों पर बेच आता है और इस तरह उनका और भी जायदा मुनाफा होता है और घर आकर यह बताता है की माँ इस बार हर दुकान से ५ हजार का मुनाफा हुआ है यह बात सुनकर सरला और स्वेता और भी जायदा खुश हो जाती है। अगली बार से वह मास्क पर डीजाइन भी बनाना सुरु कर देती है।…

Lockdown me Kamai – स्वेता अपनी सासू माँ को दीखती है की माँ मैंने इस पर “सुरक्षित रहिये ” लिखा है यह देख कर सरला बोली अरे वह बहु तूने यह बहुत अच्छा काम किया है ऐसा कर तू ऐसे १०० और मास्क बना दे हम उनकी कीमत और बढ़ाकर बेचेंगे। राजेश उन मास्क को बेच कर और भी जायदा मुनाफा कमाता है और सरला और स्वेता डीजाइनर मास्क ही बनाना सुरु कर देती है। लेकिन एक दिन राजेश बोला की हमारे मास्क आमिर लोग तो खरीद प् रहे है पर गरीब लोगो के पास इतने पैसे नहीं होते इस लिए वो नहीं खरीद प् रहे है। इस पर सरला बोली है बेटा गरीब आदमी कहा खरीद पायेगा ,राजेश बोला अगर हम कुछ साधारण मास्क की कीमत कुछ कम कर दे तो। सरला बोली अरे बेटा डीजाइनर मास्क बनाने में इतना वक़्त गुजर जाता है की साधारण मास्क हम कैसे बनाएंगे और फिर उन्हें बेच कर उतना मुनाफा भी तो नहीं होता। स्वेता बोलती पर माँ ,तो इस बात को काट कर सरला गुस्से से बोलती पर वर कुछ बहु बिजनेस पर ध्यान दो बस। यह बात स्वेता को चुभ जाती है।….
एक दिन वह मास्क बना रही होती है उसी समय उसके पास एक वायरल वीडियो आता है और वह उस वीडियो को देखती है तो उसके आँखों में आशु आ जाते है। तभी वह पर सरला आती है और पूछती है की अरे बहु क्यों रो रही हो तो स्वेता कहती है की माँ ये वीडियो देखो कितने लोग अपने घर को जाने के लिए पैदल ही निकल पड़े है उनके पास खाने के पैसे नहीं है और बिना किसी सुरक्षा के ही जा रहे है वीडियो देखकर सरला की आँखों में भी आँशु आ जाते है और वह बोलती है की हम पैसो के लालच में इतने अंधे हो जाते है की गरीब की तकलीफ तो दिखती नहीं ,स्वेता बोलती है की है मम्मी जी हमें कुछ करना चाहिए। वे दोनों पूरा दिन ढेर सारा मास्क बनाते है और उसे पैक कर देते है। राजेश शाम को जब घर आता है तो देखता है की ५ बड़े – बड़े डिब्बे रखे होते है उन्हें देख कर वह बोलता है अरे माँ इन डिब्बो में क्या है सरला कहती इनमे गरीबो के लिए मास्क है जा बेटा इन मास्क को जिन गरीब के पास मास्क नहीं है उनको फिरि में बाट दे , राजेश अपनी माँ की बात सुनकर बहुत खुश होता है और कहता की आपलोगो ने ये बहुत ही अच्छा ये काम किया है मैं अभी जाकर इन मास्क को गरीबो में बात कर आता हु।….Lockdown me Kamai
इस लॅाकडॉउन में सरला और स्वेता ने ये सीखा की पैसो से जायदा कही अहमियत है इंसानियत की ,जरुरत पड़ने पर हमें जरुरत मंद की मदद करनी चाहिए ,ब्यापार से कही जायद जरुरी है इंसानियत।..Lockdown me Kamai
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