
जॉली एल एल बी 2 मूवी स्टोरी
मूवी डिटेल्स–
डिरेक्टेड बाई – सुभाष कपूर
प्रोडूसेड बाई – महेश कोरडे,गौरव नंदा,नरेन् कुमार
रिटेन बाई – अब्बास तिरेवाला
म्यूजिक बाई – मांज मुसिक ,मीट ब्रोस ,चिरंतन भट्ट
रिलीज़ डेट – १० फेब्रुअरी २०१७
स्टेरिंग – अक्षय कुमार ,अन्नू कपूर ,हुमा कुरैशी ,सौरभ शुक्ल
जॉली एल एल बी 2 मूवी स्टोरी jolly llb movie story in hindi
लखनऊ के एक वकील, जगदीश्वर मिश्रा, जो कि जॉली (अक्षय कुमार) के नाम से जाने जाते हैं, रिजवी साहब के सहायक हैं, जो लखनऊ के प्रसिद्ध वकील हैं। जॉली कानपुर से ताल्लुक रखते हैं और एक बड़े वकील बनने के लिए लखनऊ आते हैं । जॉली अपने स्वयं के एडवोकेट कछ बनाने के लिए पैसे की ब्यवस्था करने के लिए , जॉली एक गर्भवती महिला, हिना (सयानी गुप्ता) से झूठ बोलता है और उसे फीस के रूप में 2 लाख रुपए देने के लिए राजी करता है।
ताकि रिजवी साहब उसका केस लड़ें। जॉली उन पैसो से एक अपना खुद का कछ खोलता है और जब हिना को पता चलता है कि वह जॉली द्वारा उसे धोख दिया गया है ,तो वह आत्महत्या कर लेती है। उसके बाद हर कोई जॉली और जॉली के पिता (जो की रिजवी साहब के लिए एक क्लर्क के रूप में 30 साल के तक काम केर चुके है) को हिना के मौत का दोषी ठहराते है ।
अपराध के बोझ से भरा, जॉली अपनी पत्नी पुष्पा (हुमा कुरैशी) और साथी वकील बीरबल (राजीव गुप्ता) के साथ, हिना के केस को लड़ने के लिए फैसला करता है,और एक जनहित याचिका दायर करता है। उस याचिका से जल्द ही जॉली को पता चलता है कि हिना के पति इकबाल कासिम (मानव कौल) को पदोन्नति पाने के लिए उनकी शादी के अगले दिन इंस्पेक्टर सूर्यवीर सिंह (कुमुद मिश्रा) ने एक फर्जी अन्कॉउंटर में मार दिया था। सूर्यवीर सिंह ने एनकाउंटर को वास्तविक दिखाने के लिए एक साथी कांस्टेबल भदौरिया को भी मार दिया , और अपनी जांघ में गोली मार ली। इंस्पेक्टर सूर्यवीर सिंह ने लखनऊ के प्रमोद माथुर ( जो की एक मशहूर वकील है ) (अन्नू कपूर),सूर्यवीर के मित्र है , सूर्यवीर सिंह अपने केस को लड़ने के लिए प्रमोद माथुर को सौपा ।
१ तारीख को, जॉली एक बार फिर मुठभेड़ में निष्पक्ष जांच के लिए अदालत से अनुरोध करता है। हालाँकि अदालत स्थगित हो जाती है। जॉली ने वाराणसी में एक बुकी गुरु जी (संजय मिश्रा) की मदद से मामले की एफआईआर कॉपी और कागजात प्राप्त करने में सक्षम हो जाता है ।बाद में वह राम कुमार भदौरिया, कांस्टेबल के बेटे को ट्रैक करने में सक्षम हो जाता है । कोर्ट ने राम कुमार का नार्को टेस्ट कराने का आदेश दिया, उसके बाद जॉली पर इंस्पेक्टर सूर्यवीर सिंह द्वारा भेजे गए गुंडे हमला करते हैं,लेकिन दो गोली लगने के बावजूद जॉली बच जाता हैं।
वकील माथुर गवाह के नार्को टेस्ट ,वीडियो के साथ छेड़छाड़ करने के लिए अपनी पूरी शक्ति और धन का उपयोग करता है । और अदालत में जॉली को गलत साबित कर देता है । न्यायाधीश एक वकील के रूप में जॉली के लाइसेंस को अस्थायी रूप से निलंबन करने का आदेश देते है, लेकिन बाद में अनुशासन कमेटी के अध्यक्ष रिज़वी साहब जॉली को खुद को सही साबित करने के लिए 4 दिन का समय देते हैं। जॉली ने जल्द ही नोटिस दवरा अदालत को बताया कि इकबाल और हिना की शादी के दौरान आतंकवादी की पहचान करने के लिए कश्मीर पुलिस का एक सिपाही लखनऊ आया था। जॉली कश्मीर के लिए निकल पड़ता है ।
और वह पहुंचकर कांस्टेबल, फहीम बट से मिलता है, जो एक फर्जी मामले में निलंबित और गिरफ्तार किया गया है । कांस्टेबल ने जॉली को यह बताया की इनकाउंटर में मरने वाला ब्यक्ति वास्तव में अतंगबादी नहीं था । और वह ये बात अदालत में बयान देने के लिए तैयार हो गया। जॉली ने अदालत में अगली सुनवाई में कांस्टेबल को लखनऊ अदालत में लाने का प्रबंधन किया ताकि यह साबित हो सके कि इकबाल कासिम असली आतंकवादी नहीं था। इस बीच, जॉली पुलिस कमिश्नर को भी सच बताने के लिए मना लेता है और की वह उसके द्वारा किए गए सभी इनकाउंटर के खिलाफ पीआईएल दायर करेगा।।
एडवोकेट माथुर, कांस्टेबल को अदालत में बयान न देने की पूरी कोशिश करता हैं और वह न्यायधीश का अपमान करके अदालत में उत्पात मचाता है । अदालत की सुनवाई आधी रात तक आगे बढ़ती है, कॉन्स्टेबल के बयान के बाद जॉली ने अदालत में एक हिंदू ब्राह्मण पंडित (पुलिस आयुक्त की मदद से) को लाकर सभी को चौंका दिया, और दावा किया कि वह असली आतंकवादी है। और उसे मथुरा में पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जॉली क्रॉस प्रश्न में हिंदू वेदों का गहन विवरण पूछकर अदालत में पंडित से पूछताछ की। आखिरकार में पंडित टूट जाता
है, और स्वीकार करता है कि वह आतंकवादी है । और बताया मोहम्मद इकबाल चतुरी,जिसकेा पुलिस तलाश कर रही थी ,उसने उसे मुक्त करने के लिए इंस्पेक्टर सूर्यवीर सिंह को रिश्वत दी थी ।
फिर जज साहब इकबाल कासिम को निर्दोष घोषित केर देते है और असली अतंगबादी को ग्रिफ्तार करने का आदेश देते है । कांस्टेबल के बेटे राम कुमार को बेल मिल जाती है , और सूर्यवीर सिंह को हत्या, हत्या सबूत मिटाने अदालत को गुमराह करने और फर्जी सबूत दिखाने के आरोप में सूर्यवीर सिंह को आजीवन कारवाश की सजा सुनाती है। आखिरकार जॉली अपने केस में जीत हासिल करता है और दोषी को जेल भेजवा देता है । फिल्म जॉली के साथ सभी दर्शक का दिल जीत लेती है ।
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